नई दिल्ली: दिल्ली की स्वच्छता व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि 2027 तक दिल्ली का 80 से 90 प्रतिशत कूड़ा समाप्त कर दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने विशेष योजनाएं बनाई हैं, जिससे राजधानी को स्वच्छ और हरा-भरा बनाया जा सके। यह घोषणा दिल्ली में चल रहे कूड़ा प्रबंधन अभियान के तहत की गई है।
सरकार की योजना:
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार कूड़ा निपटान के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करेगी। इसके तहत निम्नलिखित कदम उठाए जाएंगे:
- कूड़ा प्रोसेसिंग यूनिट्स का विस्तार: दिल्ली में नए कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे, जिससे कूड़े को रिसाइकिल और पुनः उपयोग किया जा सके।
- वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट्स का विकास: कूड़े से बिजली उत्पादन करने वाले संयंत्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे पर्यावरण को नुकसान कम होगा।
- घर-घर कूड़ा संग्रहण योजना: प्रत्येक इलाके में कूड़ा संग्रहण को व्यवस्थित बनाने के लिए नए सिस्टम लागू किए जाएंगे।
- लैंडफिल साइट्स की सफाई: गाजीपुर, ओखला और भलस्वा जैसी लैंडफिल साइटों को चरणबद्ध तरीके से साफ किया जाएगा।
- जनभागीदारी: सरकार लोगों को कूड़ा प्रबंधन में भागीदार बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाएगी।
दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन की वर्तमान स्थिति:
दिल्ली में हर दिन लगभग 11,000 टन कूड़ा निकलता है। जिसे सही तरीके से निपटाना एक बड़ी चुनौती है। राजधानी में तीन प्रमुख लैंडफिल साइट्स हैं। जहां कूड़े के पहाड़ बन चुके हैं। सरकार की योजना इन लैंडफिल साइटों को खत्म करने और नए कूड़ा निपटान विकल्प अपनाने की है।
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अगर यह योजना सफल होती है, तो दिल्ली में वायु प्रदूषण और गंदगी की समस्या में भारी कमी आएगी। साथ ही, स्वच्छता अभियान के तहत लोगों को जागरूक किया जाएगा, जिससे वे कूड़ा फैलाने से बचें और सही तरीके से उसका निपटान करें। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की यह पहल दिल्ली को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अगर सरकार और जनता मिलकर इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम करें, तो 2027 तक दिल्ली को कूड़ा मुक्त बनाया जा सकता है।